Monday, April 26, 2010

नास्तिक होने का सच!


आप किसी नास्तिक से मिले है कभी?
मैं भी नहीं मिला,किसी सच्चे और प्योर हार्ड कोर नास्तिक से,
जितने भी तथाकथित ’नास्तिक’,मुझे मिले,

वे सब वो लोग थे,
जो जीवन की सभी मूलभूत सुविधाओं,
आरामदायक जीवन के साधनों,
का उपयोग करते हुये,
विचारों की कबब्डी खेलने के शौकीन थे,

एक भी ऐसा इंसान,जो जीवन संघर्ष में लगा हो,
या  किसी भी प्रकार के अभाव से जूझ रहा हो,
परम शक्ति के अस्तित्व को नकारता नहीं मिला,

तो मुझे लगा कि,
ईश्वर की सत्ता को नकारने वाले लोग,
या तो वे हैं,जो स्वयं की सत्ता को मनवाना चाहते है,

या वो जिनके पास,
मानवीय बुद्धि का, वो टेढा पहलू है कि,
वो परमात्मा की सत्ता को नकार कर,
झूठे आंनद का मज़ा लेते हैं.

इन्हीं में से ’एक’ नास्तिक को जब मैने,
यही अपना  तर्क दिया तो झुंझलाकर बोला,
Thank God  I am a 'Rational Man'!
UNLIKE YOU!



चित्र_ मत्स्यावतार By "Isha" in Madhubani Style.


14 comments:

  1. बढ़िया रचना ... नास्तिक हो या आस्तिक ... जो सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलेगा, उसे दुनिया में तकलीफों का सामना करना ही पढ़ेगा ... पर तकलीफों का सामना करके इंसान और मजबूत हो जाता है ...

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  2. koi to hai jisne ye shandar,jandar,damdar damdar croro prakar ke jeev jantu,ped podhon kee rachna kee hai.narayan narayan

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  3. bahut khub likha hai aapne...
    yun hi likhte rahein...
    regards
    http://i555.blogspot.com/
    idhar ka v rukh karein..

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  4. ....हर नास्तिक के पीछे एक आस्तिक पहलू जरुर होता है ..... कौन नास्तिक है कौन नास्तिक है इसका कोई सटीक मूल्याकन नहीं....
    अच्छी प्रस्तुति ....

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  5. बहुत अच्छा व्यंग है आपका ... मुझे भी आजतक क़िस्सी सच्चे नास्तिक से मिलना है ... सब अपनी कॅनवीनियेन्स के हिसाब से नास्तिक बन जाते हैं ....

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  6. क्या तुक बांधी है, सुभानअल्लाह! इसने तो दिमाग की गर्मी निकाल दी, बोले तो ठंडा कर दिया.

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  7. -------------------------------------
    mere blog par is baar
    तुम कहाँ हो ? ? ?
    jaroor aayein...
    tippani ka intzaar rahega...
    http://i555.blogspot.com/

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  8. मेरा अनुभव भी लगभग यही है।

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  9. सही विश्लेषण....

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Please feel free to express your true feelings about the 'Post' you just read. "Anonymous" Pl Excuse Me!
बेहिचक अपने विचारों को शब्द दें! आप की आलोचना ही मेरी रचना को निखार देगी!आपका comment न करना एक मायूसी सी देता है,लगता है रचना मै कुछ भी पढने योग्य नहीं है.So please do comment,it just takes few moments but my effort is blessed.