"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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जिगर
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Wednesday, May 20, 2009
वजह जीने की!
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बहुत पहले दो मुक्तक लिखे थे,अब उनके जोडीदार शेर अवतरित हो गये है , अन्धेरा इस कदर काला नहीं था, उफ़्क पे झूठं का सूरज कहीं उग आया होगा। चश...
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