"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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निर्मल बाबा
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Sunday, April 22, 2012
निर्मल सच
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अपनी नज़रों से जब जब मैं गिरता गया, मेरा रुतबा ज़माने में बढता गया! मेरे अखलाक की ज़बरूत घटती गई, पैसा मेरी तिजोरी में बढता गया! मे...
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