"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
Showing posts with label
संवारों
.
Show all posts
Showing posts with label
संवारों
.
Show all posts
Wednesday, December 2, 2009
तीरगी का सच!
›
Little late for anniversary of 26/11 notwithstanding रचना आप के सामने hai : इस तीरगी और दर्द से, कैसे लड़ेंगे हम, मौला तू ,रास्ता दिख...
8 comments:
Saturday, April 18, 2009
वख्त का सच!
›
आईना घिस जायेगा, अब और ना बुहारो यारों, गर्द तो चेहरे पे पडी है, ज़रा एक हाथ फ़िरा लो यारो। न करो ज़िक्र गुजरे हुये ज़माने का , मुश्क...
4 comments:
›
Home
View web version