"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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हाइकु
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Tuesday, July 13, 2010
अंखडियां!
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अंखडियां ! अनकही, कही, सुनी,अनकही, भीगी अंखडियां! सावन! बैरी सावन! भीगा घर आंगन, तरसे मन! खेल ! कराकोरम- कराची रेल खरीदें पा...
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