"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
Friday, March 6, 2009
एक बार फ़िर से!!!
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आओ गीत लिखें, हारें क्यों हम गम से डर से, प्यार की जीत लिखें, आओ गीत..... जहाँ धुन्न्ध है अंधियारा है , बारूदो का गलियारा है, जीवन...
Thursday, March 5, 2009
कुछ और मुक्तक
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तुम रुठे ,हम छूटे. अच्छा हुआ, धुन्धले आईने टूटे. ****************************************************************************************** ...
Saturday, February 28, 2009
बस ऐसे ही !
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मैं तुम्हारा नहीं हूँ ,ये बात तो मैं भी जानता हूँ. मेरी तकलीफ ये है कि, ये बात तुम कहते क्यों हो. ये तमाम ज़ख्म तो मोहब्बत में मैंने पाए ह...
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Wednesday, February 11, 2009
ज़ख़्मों की तहरीरें
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हाथ में इबारतें , लकीरें थी सावांरीं मेहनत से तो वो तकदीरे थी . जानिबे मंज़िल -ए - झूंठ , मुझे भी जाना था , पाँव में सच क...
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