"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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कछुआ और खरगोश
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Saturday, October 2, 2010
पंचतत्रं और इकीसवीं सदी!
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एक बार की बात है! "’एक’ खरगोश ने ’एक’ कछुये से कहा!"...... ’पंचतंत्र’ की कथाओं में ऐसा पढा था, पर शायद, वो बीसवीं सदी की बा...
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