"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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कल्कि
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कल्कि
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Saturday, March 12, 2011
अश्रु अंजलि!(जापान को)
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जब भी कोशिश करता हूँ, गर्व करने की, कि मैं इंसान हूँ! एक थपेडा, एक तमाचा कुदरत का, हल्के से ही सही, कह के जाता है, कि "मैं...
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Monday, April 26, 2010
नास्तिक होने का सच!
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आप किसी नास्तिक से मिले है कभी? मैं भी नहीं मिला,किसी सच्चे और प्योर हार्ड कोर नास्तिक से, जितने भी तथाकथित ’नास्तिक’,मुझे मिले, वे सब वो ...
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Thursday, March 4, 2010
कल्कि और कलियुग!
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बहुत सोचने पर भी ,समझ में तो नहीं आया, पर मानना पडा कि, काल कालान्तर से कुछ भी नहीं बदला, मानव के आचरण में, और न हीं देव और देव न...
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