"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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ख्वाब
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Saturday, February 26, 2011
मौसम-ए-गुल!
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मौसमें गुल है और हर तरफ़ खुमारी है, सरे आम क्या कहूँ,बात मेरी तुम्हारी है। गुलो ने पैगाम दिया है बसंत आने का, तितलियों ने फ़िज़ा की ...
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Monday, July 5, 2010
गुलों से बात!
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अज़ीब शक्स है वो गुलो से बात करता है, अपनी ज़ुरूफ़ से भरे दिन को रात करता है. वो जो कहता है भोली प्यार की बातें, खामोश हो के खुदा भी समात ...
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