"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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Sunday, August 18, 2013
औरत और दरख्त!
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औरत और दरख्त में क्या फ़र्क है? मुझे नज़र नहीं आता, क्या मेरी बात पे आपको यकीं नहीं आता! तो गौर फ़रमाएं, मैं गर गलत हूँ! तो ज़ुरूर ब...
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Saturday, October 27, 2012
चाँद और तुम!
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अभी कुछ देर पहले. रात के पिछ्ले प्रहर चाँद उतर आया था, मेरे सूने दलान में, यूँ ही, मैंने तुम्हारा नाम लेकर पुकार था, उसको , अच्छा लगा! उ...
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