"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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हिज़ाब
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Thursday, January 6, 2011
तमन्ना
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ज़ख्म मेरा गुलाब हो जाये, अँधेरा माहताब हो जाये, कैसी कैसी तमन्नायें हैं मेरी, ये जहाँ बस्ती-ए-ख्वाब हो जाये। तू कभी मुझको आके ऎसे मिल...
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