"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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हैरानी
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Thursday, February 23, 2012
सजा इंसान होने की !
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मेरे तमाम गुनाह हैं,अब इन्साफ़ करे कौन. कातिल भी मैं, मरहूम भी मुझे माफ़ करे कौन. दिल में नहीं है खोट मेरे, नीयत भी साफ़ है, कमज़ोरिय...
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Monday, January 23, 2012
उसका सच! एक बार फ़िर!
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मुझे लग रहा है,पिछले कई दिनों से , या शायद, कई सालों से, कोई है, जो मेरे बारे में सोचता रहता है, हर दम, अगर ऐसा न होता , तो कौन है जो, ...
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