"सच में!"

दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी

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Sunday, November 13, 2011

कैक्टस

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मैने कह दिया था न, कि कैक्टस कभी भी, चुभ सकते हैं, फ़ूल भी कई मौसम गुज़र जाने बाद शायद ही आते हैं, कैक्टस पर, हाँ ये ज़रूर है, जो लोग,...
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ktheLeo (कुश शर्मा)
दर्द बह सकता नही, दरिया की तरह, थम जाता है, मानिन्द लहू की, बस बह के, थोडी देर में| ************************तो बस, मैं,न दरिया, न दर्द,न लहू और शायद थोडा थोडा ये सब कुछ!
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