"सच में!"

दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी

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Thursday, June 11, 2009

बस एसे ही!(Part II)

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बहुत पहले एक गज़ल कही थी, "मैं तुम्हारा नहीं हूँ ,ये बात तो मैं भी जानता हूँ. मेरी तकलीफ ये है कि, ये बात तुम कहते क्यों हो." Link...
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ktheLeo (कुश शर्मा)
दर्द बह सकता नही, दरिया की तरह, थम जाता है, मानिन्द लहू की, बस बह के, थोडी देर में| ************************तो बस, मैं,न दरिया, न दर्द,न लहू और शायद थोडा थोडा ये सब कुछ!
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