"सच में!"

दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी

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Tuesday, September 28, 2010

चांदनी रात और ज़िन्दगी!

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खुशनुमा माहौल में भी गम होता है, हर चांदनी रात सुहानी नहीं होती। भूख, इश्क से भी बडा मसला है, हर एक घटना कहानी नहीं होती। दर्द की कुछ ...
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Saturday, October 10, 2009

मानव योनि!

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चौरासी लाख योनिओं में, शायद ’प्रेत’योनि भी एक है! या शायद नहीं है? पता नही! पर मैं ये जानता हूं कि, हर देह धारी मनुष्य प्रेत योनी का सुख उठा...
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Tuesday, May 19, 2009

हम बोलेगा तो बोलोगे,के बोलता है!

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’IndiBlogger.in’ पर हुये एक discussion के अन्श.पहला विचार मेरा है, और दूसरा उस पर प्रतिक्रिया. बहस का मुद्दा ये था कि लोग Blogging क्यों करत...
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ktheLeo (कुश शर्मा)
दर्द बह सकता नही, दरिया की तरह, थम जाता है, मानिन्द लहू की, बस बह के, थोडी देर में| ************************तो बस, मैं,न दरिया, न दर्द,न लहू और शायद थोडा थोडा ये सब कुछ!
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