"सच में!"

दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी

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Friday, May 31, 2013

बुत और खुदा!

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तपन हुस्‍न की कब ता उम्र रही है कायम, मेरे सब्र की ज़मीं ने हर मौसम को बदलते देखा है। अब ऐसी नींद भी खुदा किसी को न अता करे, मैंने अक्सर...
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Monday, July 27, 2009

गर्द-ए-सफ़र-ए- इश्क!

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गर्द-ए-सफ़र-ए-इश्क वो लाया है, खाक कहता है,तू,उसे जो सरमाया है. क्यों कर सजे तब्बसुम अब लब पर तेरे, संगदिल से तू ने क्यूं कर दिल लगाया है. क...
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ktheLeo (कुश शर्मा)
दर्द बह सकता नही, दरिया की तरह, थम जाता है, मानिन्द लहू की, बस बह के, थोडी देर में| ************************तो बस, मैं,न दरिया, न दर्द,न लहू और शायद थोडा थोडा ये सब कुछ!
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