"सच में!"

दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी

Showing posts with label विवशतायें. Show all posts
Showing posts with label विवशतायें. Show all posts
Saturday, December 25, 2010

मानवीय विवशतायें !

›
विवशतायें! मौन और संवाद की, विवशतायें, हर्ष और अवसाद की, विवशताये, विवेक और प्रमाद की, विवशतायें, रुदन और आल्हाद की, विवशताये...
2 comments:
›
Home
View web version

About Me?

My photo
ktheLeo (कुश शर्मा)
दर्द बह सकता नही, दरिया की तरह, थम जाता है, मानिन्द लहू की, बस बह के, थोडी देर में| ************************तो बस, मैं,न दरिया, न दर्द,न लहू और शायद थोडा थोडा ये सब कुछ!
View my complete profile
Powered by Blogger.