"सच में!"

दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी

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Monday, July 6, 2009

नज़दीकियों का सच!

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इस रचना को जो तव्वजो मिलनी चाहिये थी, शायद नहीं मिली,इस लिये एक बार फ़िर से post कर रहा हूं. दूरियां खुद कह रही थीं, नज़दीकियां इतनी न थी। अ...
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Tuesday, June 9, 2009

नज़दीकियों का सच!

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दूरियां खुद कह रही थीं, नज़दीकियां इतनी न थी। अहसासे ताल्लुकात में, बारीकियां इतनी न थीं। चारागर हैरान क्यों है, हाले दिले खराब पर। बीमार-...
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ktheLeo (कुश शर्मा)
दर्द बह सकता नही, दरिया की तरह, थम जाता है, मानिन्द लहू की, बस बह के, थोडी देर में| ************************तो बस, मैं,न दरिया, न दर्द,न लहू और शायद थोडा थोडा ये सब कुछ!
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