"सच में!"

दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी

Showing posts with label हाइकु. Show all posts
Showing posts with label हाइकु. Show all posts
Tuesday, July 13, 2010

अंखडियां!

›
अंखडियां ! अनकही, कही, सुनी,अनकही, भीगी अंखडियां! सावन! बैरी सावन! भीगा घर आंगन, तरसे मन! खेल ! कराकोरम- कराची रेल खरीदें पा...
2 comments:
›
Home
View web version

About Me?

My photo
ktheLeo (कुश शर्मा)
दर्द बह सकता नही, दरिया की तरह, थम जाता है, मानिन्द लहू की, बस बह के, थोडी देर में| ************************तो बस, मैं,न दरिया, न दर्द,न लहू और शायद थोडा थोडा ये सब कुछ!
View my complete profile
Powered by Blogger.