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Saturday, February 28, 2009

बस ऐसे ही !


मैं तुम्हारा नहीं हूँ ,ये बात तो मैं भी जानता हूँ.
मेरी तकलीफ ये है कि, ये बात तुम कहते क्यों हो.

ये तमाम ज़ख्म तो मोहब्बत में मैंने पाए हैं,
अजीब शक्स हो तुम, इस दर्द को सहते क्यों हो.

तेरी यादों पे जब मुझे कोई इख्तियार नहीं,
ये बताओ के फिर तुम मेरे दिल में रहते क्यों हो .




4 comments:

  1. wah!wah! kya khoob likh rahe ho Kush. Tumhe Nida Fazli, Jawed Akhtar ke ster se bhi aage jana hai.
    ab ye nahi kehana ki yeh bat mein janta hun tum kehte kyo ho

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  2. सच्ची है अच्छी है बेबाक है छूती है

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  3. Pata nahee kyon, lekin is rachnake alawa, any kuchh nahee khul raha aapke blog pe!!

    http://kavitasbyshama.blogspot.com

    http://lalitlekh.blogspot.com

    http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

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  4. Samajh nahee paa rahee hun,ki, aapke blogpe kewal is rachnaa ke alawa aur kyon kuchh nahee khul raha?

    http://kavitasbyshama.blogspot.com

    http://lalitlekh.blogspot.com

    http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

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