"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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अमन
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अमन
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Saturday, October 8, 2011
झुनझुने!
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कोई ऐसा शहर बनाओ यारों, हर तरफ़ आईने लगाओ यारों! नींद में खो गये हैं ज़मीर सभी, शोर करो इन को जगाओ यारो! नयी नस्लें इन्ही रास्तों स...
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Monday, March 22, 2010
तलाश खुद अपनी!
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इन्तेहा-ए-उम्मीदे-वफ़ा क्या खूब! जागी आंखों ने सपने सजा लिये। मौत की बेरुखी, सज़र-ए-इन्सानियत में, अधमरे लोग हैं,गिद्दों ने पर फ़ैला ...
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