"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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आसमान
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Saturday, March 12, 2011
अश्रु अंजलि!(जापान को)
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जब भी कोशिश करता हूँ, गर्व करने की, कि मैं इंसान हूँ! एक थपेडा, एक तमाचा कुदरत का, हल्के से ही सही, कह के जाता है, कि "मैं...
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Thursday, December 31, 2009
नया साल! सच में!
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ज़िन्दगी का नया सिलसिला कीजिये, भूल कर रंज़-ओ-गम मुस्कुरा दीजिये. लोग अच्छे बुरे हर तरीके के हैं, खोल कर दिल न सबसे मिला कीजिये. तआर...
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Monday, July 27, 2009
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उफ़्फ़क पे जाके शायद, मिल जाते, मैं अगर आसमां, और तू ज़मीं होता इस दुनियां में सब मुसाफ़िर हैं, कोई मुस्तकिल मकीं नही होता . सौ बार आईना देख...
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