"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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ज़िन्दगी
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Sunday, February 2, 2014
ज़िन्दगी!
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दर्द की चट्टान से रिसती, पानी की धार ज़िन्दगी, जून की दोपहर में, चढता बुखार ज़िन्दगी, जागी आँखों में, नींद का खुमार ज़िन्दगी, खुशी और ग़म की, ...
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Wednesday, September 7, 2011
आज हम तो कल तुम्हारी बारी है!
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"आज हम तो कल तुम्हारी बारी है, चँद रोज़ की मेहमाँ ये जवानी है!" From left to right: Ms Nanda,Ms Vahida Rahmaan,Ms Helen & Ms...
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Tuesday, August 16, 2011
वीराने का घर
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लोग बस गये जाकर वीराने में, सूना घर हूँ मैं बस्ती में रह जाउँगा। तुम न आओगे चलों यूँ ही सही, याद में तो मैं तुम्हारी आऊँगा। पी चुका...
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Saturday, May 7, 2011
मै और मेरी तिश्नगी!
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मेरी तिश्नगी ने मुझको ऐसा सिला दिया है, बरसात की बूँदों ने ,मेरा घर जला दिया है। मैने जब भी कभी चाहा, मेरी नींद संवर जाये, ख्वाबों ...
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Tuesday, March 1, 2011
’दाग अच्छे हैं!’
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रोना किसे पसंद? शायद छोटे बच्चे करते हो ऎसा? आज कल के नहीं उस समय के, जब बच्चे का रोना सुन कर माँ, दौड कर आती थी, और अपने आँचल में छु...
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