"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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Friday, July 9, 2010
सच बरसात का!
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फ़लक पे झूम रही सांवली घटायें हैं, बदलियां हैं या, ज़ुल्फ़ की अदायें हैं। बुला रहा है उस पार कोई नदिया के, एक कशिश है या, यार की सदायें...
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Tuesday, March 31, 2009
माहौल का सच!
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लिखता नही हूँ शेर मैं, अब इस ख़याल से, किसको है वास्ता यहाँ, अब मेरे हाल से. चारागर हालात मेरे, अच्छे बता गया, कुछ नये ज़ख़्म मि...
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