"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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मौसम
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मौसम
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Saturday, February 26, 2011
मौसम-ए-गुल!
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मौसमें गुल है और हर तरफ़ खुमारी है, सरे आम क्या कहूँ,बात मेरी तुम्हारी है। गुलो ने पैगाम दिया है बसंत आने का, तितलियों ने फ़िज़ा की ...
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Friday, July 9, 2010
सच बरसात का!
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फ़लक पे झूम रही सांवली घटायें हैं, बदलियां हैं या, ज़ुल्फ़ की अदायें हैं। बुला रहा है उस पार कोई नदिया के, एक कशिश है या, यार की सदायें...
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Monday, August 3, 2009
मौसम
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लीजिये मौसम सुहाने आ गये, हुस्न वालो के ज़माने आ गये बादलों का पानी कहीं न कम पडे, हम अपने आंसू मिलाने आ गये. मौत भी मेरी,फ़साना बन गयी, दु...
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