"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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समाज
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Friday, January 27, 2012
Please! इसे कोई न पढे! चुनाव सर पर हैं!
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थाली के बैगंन, लौटे, खाली हाथ,भानुमती के घर से, बिन पैंदी के लोटे से मिलकर, वहां ईंट के साथ रोडे भी थे, और था एक पत्थर भी, वो...
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Sunday, July 10, 2011
अल्ल बल्ल गल्ल...........!!!!!
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अब कहाँ से लाऊँ, हर रोज़ नये लफ़्ज़, जो आपको,भायें! मेरी कवितायें, आपको पसंद आयें! हैं कहाँ, लफ़्ज, जो बयाँ कर पायें, दास्ताँने हमा...
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Tuesday, December 14, 2010
लडकियाँ और आदमी!
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लडकियाँ कितनी , सहजता से, बेटी से नानी बन जातीं है! लडकियाँ आखिर, लडकियाँ होती हैं! शिव में ’इ’ होती है, लडकियाँ, वो न होतीं त...
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