"सच में!"
दिल की हर बात अब यहाँ होगी, सच और सच बात बस यहाँ होगी
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दुआ.
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Sunday, February 2, 2014
ज़िन्दगी!
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दर्द की चट्टान से रिसती, पानी की धार ज़िन्दगी, जून की दोपहर में, चढता बुखार ज़िन्दगी, जागी आँखों में, नींद का खुमार ज़िन्दगी, खुशी और ग़म की, ...
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Thursday, February 24, 2011
दुआ बहार की!
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क्या कह दूँ के तुम्हें करार आ जाये, मेरी बातों पे तुम्हें ऎतबार आ जाये॥ दिल इस दुनिया से क्यूँ नहीं भरता, उनकी बेरूखी पे भी प्यार आ ज...
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Saturday, November 20, 2010
बेउन्वान!
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एक पुरानी रचना पलकें नम, थी मेरी घास पे शबनम की तरह. तब्बसुम लब पे सजा था किसी मरियम की तरह| वो मुझे छोड गया था संगे राह समझ मै उसक...
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Sunday, July 18, 2010
इंतेहा-ए-दर्द!
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दर्द को मैं ,अब दवा देने चला हूं, खुद को ही मैं बद्दुआ देने चला हूं! बेवफ़ा को फ़ूल चुभने से लगे थे, ताज कांटो का उसे देने चला हूं! ...
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Friday, July 9, 2010
सच बरसात का!
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फ़लक पे झूम रही सांवली घटायें हैं, बदलियां हैं या, ज़ुल्फ़ की अदायें हैं। बुला रहा है उस पार कोई नदिया के, एक कशिश है या, यार की सदायें...
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Monday, July 5, 2010
गुलों से बात!
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अज़ीब शक्स है वो गुलो से बात करता है, अपनी ज़ुरूफ़ से भरे दिन को रात करता है. वो जो कहता है भोली प्यार की बातें, खामोश हो के खुदा भी समात ...
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