मैं तुम्हारा ही हूँ,कभी आज़मा के देखो.
अश्क़ का क़तरा हूँ,आँखों में बसाकर देखो.
गर तलाशोगे,तुम्हें पहलू में ही मिल जाऊँगा,
मैं अभी खोया नही हूँ,मुझको बुला कर देखो.
तुमको भूलूँ और,कभी याद ना आऊँ तुमको,
ऐसी फ़ितरत नहीं, यादों में बसा कर देखो.
मैं नही माँगता दौलत के खजाने तुम से,
मचलता बच्चा हूँ, सीने से लगा कर देखो.
मेरे चहेरे पे पड़ी गर्द से मायूस ना हो,
मैं हँसी रूह हूँ ,ये धूल हटाकर देखो.
तुमको भूलूँ और,कभी याद ना आऊँ तुमको,
ReplyDeleteऐसी फ़ितरत नहीं, यादों में बसा कर देखो.
खूबसूरत शेर हैं सभी .. कमाल किया है ...
मेरे चहेरे पे पड़ी गर्द से मायूस ना हो,
ReplyDeleteमैं हँसी रूह हूँ ,ये धूल हटाकर देखो.
लाजबाब ..........
behatareen .bahut hi acchi rachna
ReplyDeleteमैं नही माँगता दौलत के खजाने तुम से,
ReplyDeleteमचलता बच्चा हूँ, सीने से लगा कर देखो.
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ है.....!