चाँद तो चाँद है,
ईद का हो!
दूज का हो!
हो पूनम का!
या,
चेहरा सनम का!
चाँद तो चाँद है.
_कुश शर्मा.
मगर ये भी याद रखना है ज़ुरूरी,
"धूप लाख मेहरबाँ हो,मेरे दोस्त,
धूप, धूप होती है,चाँदनी नहीं होती"
_शायर (न मालूम)
ईद का हो!
दूज का हो!
हो पूनम का!
या,
चेहरा सनम का!
चाँद तो चाँद है.
_कुश शर्मा.
मगर ये भी याद रखना है ज़ुरूरी,
"धूप लाख मेहरबाँ हो,मेरे दोस्त,
धूप, धूप होती है,चाँदनी नहीं होती"
_शायर (न मालूम)