Please feel free to express your true feelings about the 'Post' you just read. "Anonymous" Pl Excuse Me! बेहिचक अपने विचारों को शब्द दें! आप की आलोचना ही मेरी रचना को निखार देगी!आपका comment न करना एक मायूसी सी देता है,लगता है रचना मै कुछ भी पढने योग्य नहीं है.So please do comment,it just takes few moments but my effort is blessed.
ज़र्रानवाज़ी तथा हौसला अफज़ाई के लिए तहे दिलसे शुक्रिया ..
ReplyDeleteमौत पे क्या,हमारा किस चीज़ पे ज़ोर चलता है?
http://shamasansmaran.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
दिल को छू लेले वाले शेरों के लिए बधाई।
ReplyDeletebahut khoob!
ReplyDeletebahut khoob likhte hain aap
ReplyDeleteकिसे फ़ुरसत है मुझे कौन अब तसल्ली दे,
ReplyDeleteइश्क के बर्बादों का कोई गमगुसार होता है?
bahut khoob..
आप सब का शुक्रिया, होसलाअफ़ज़ाई के लिये!
ReplyDeleteवाह बहुत बढ़िया लगा! इस उम्दा शेर के लिए बधाई!
ReplyDeleteकिसे फ़ुरसत है मुझे कौन अब तसल्ली दे,
ReplyDeleteइश्क के बर्बादों का कोई गमगुसार होता है?
apni kahani yaad ho aiye...
..badhiya likhte ho ji aap !!