बहुत सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये शानदार रचना बहुत अच्छा लगा! मेरे नए ब्लॉग पर आपका स्वागत है - http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com
hi thank you for visiting my blog. I add new Hindi poems to the Hindi category. Moti Jeevan ke. AApki kavita bahut umda hai. thode shabd bahut kuch keh dete hain. aati rahungi.
Please feel free to express your true feelings about the 'Post' you just read. "Anonymous" Pl Excuse Me! बेहिचक अपने विचारों को शब्द दें! आप की आलोचना ही मेरी रचना को निखार देगी!आपका comment न करना एक मायूसी सी देता है,लगता है रचना मै कुछ भी पढने योग्य नहीं है.So please do comment,it just takes few moments but my effort is blessed.
ख्याब शीशे के हैं, किर्चों के सिवा क्या देगें,
ReplyDeleteटूट जायेंगें तो, ज़ख्मों के सिवा क्या देगें
bahut hi khub rachanaa
ख्याब शीशे के हैं, किर्चों के सिवा क्या देगें,
ReplyDeleteटूट जायेंगें तो, ज़ख्मों के सिवा क्या देगें
खूबसूरत अभिव्यक्ति।
बहुत सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये शानदार रचना बहुत अच्छा लगा!
ReplyDeleteमेरे नए ब्लॉग पर आपका स्वागत है -
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com
ये तो अपने ही मसलो मे उलझें है अभी
ReplyDeleteखुद दर्द के मारे है, वो मुझको दुआ क्या देगें.
.....
poem has awesome refelction !!
hi thank you for visiting my blog. I add new Hindi poems to the Hindi category. Moti Jeevan ke. AApki kavita bahut umda hai. thode shabd bahut kuch keh dete hain. aati rahungi.
ReplyDelete"संगदिल लोग हैं ..." एक और सच का सामना करती कविता ...ज़िंदगी के दर्द समेटे हुए..
ReplyDeletehttp://shamasansmaran.blogspot.com
http://shama-baagwaanee.com