चौरासी लाख योनिओं में,
शायद ’प्रेत’योनि भी एक है!
या शायद नहीं है?
पता नही!
पर मैं ये जानता हूं कि,
हर देह धारी मनुष्य
प्रेत योनी का सुख उठा सकता है,
अरे आप तो हैरान हो गये,
प्रेत योनि और सुख?
जी हां!
दर असल ये समझना ज़रूरी है कि,
मानव योनि के कौन कौन से कष्ट है,
जो प्रेत योनि में नहीं होते.
सम्वेदना,लगाव,
स्नेह,विरह,कामना,
ईर्ष्या,स्पर्धा,लालसा,
भय,आवेग,करुणा,
आकांछा,और हां
"सब कुछ सच सच जान लेने की ख्वाहिश"!
ये कुछ ऐसी अजीबो गरीब भावनायें हैं,
जो इन्सान के कष्ट का कारण होती है,
प्रेत योनि में ये दुख कहां,
तभी तो मानव देह धारी हो कर भी,
प्रेत योनि की प्रसंशा करते हुये,
उसी की प्राप्ति की ओर अग्रसर हूं!
bahut khoob apne pretyini ka achha vishay chuna hai. mubarak bad swikar karain.
ReplyDeletePretyoni mein kya sachmuch aisa hai....?
ReplyDeletemaloom nahi...
lekin is vishay par aapka likhna alag laga...
badhai...
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteअच्छा आइडिया है।