Please feel free to express your true feelings about the 'Post' you just read. "Anonymous" Pl Excuse Me! बेहिचक अपने विचारों को शब्द दें! आप की आलोचना ही मेरी रचना को निखार देगी!आपका comment न करना एक मायूसी सी देता है,लगता है रचना मै कुछ भी पढने योग्य नहीं है.So please do comment,it just takes few moments but my effort is blessed.
bahut khoob...
ReplyDeletewakai aajkal jhunjhune hi to bajte hain har taraf...
bahut khub....shabd shabd bolta huya sa....aabhar
ReplyDeleteबच्चे भूखे हैं, दूध मांगते है,
ReplyDeleteख्याब के झुनझुने मत बजाओ यारों!
..............
दिल के दरवाज़े खोलो अपने
दूध का ग्लास उनके लिए ले आओ यारों
सुंदर!
ReplyDelete"नींद में खो गये हैं ज़मीर सभी,
ReplyDeleteशोर करो इन को जगाओ यारो"
काश कि ऐसा हो पाता.....!!
ख्वाब भूख बढ़ाते हैं, भूख तो रोटी के झुनझुने से ही बुझेगी।
ReplyDeleteबहुत खूब।
sachmuch bahut khoob
ReplyDeleteKya baat hai! Harek pankti dohrayee ja saktee hai!
ReplyDeleteसुंदर विचार !!
ReplyDelete"bahut mashhur hai yah mulk,jaroor aao yaha yaro,bana kar jhunjhuna enshaniyt ko ji bnar ke bajao yaro," vehtareen
ReplyDeletebnar ke = भर के
Deleteअनिल साहिब आप का शुक्रिया इस विचार से जुडने के लिये!
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