आपने कभी सोचा है?
गुलाब का फूल कभी भी
जंगल मे नही खिलता,
क्यों भला?
वैसे गुलाब की एक किस्म होती तो है,
जिसे "जंगली" गुलाब कहते है!
पर वो भी कभी जंगल में नही होती,
गुलाब दरअसल बहुत ही,
संवेदनशील होता है!,
मैं वनस्पति विज्ञान का जानकार तो नहीं,
पर गुलाब की फ़ितरत जानता हूँ,
और यकीन मानिये, मैं आप सब से ज्यादा,
जंगलों मे घूमा हूँ!
(वन विभाग वाले माफ़ कर दें तों!)
दरअसल "गुलाब" को पता होता है, कि कौन,
"कौन" है?
वो फ़र्क कर सकता है,
गुलकँद के व्यापारी ,
गुलाब जल के थोक विक्रेता
और,
मासूम प्रेमी के बीच,
यदि ऐसा न होता तो,
"..................................
मुझे तोड लेना वन माली,
उस पथ पर देना तुम फ़ेंक,...
.......................................
.......................................
...."
कभी न लिखी गई होती!
मेरे एक कमरे वाले
किराये के घर पर,
कभी आना,
"गुलाब" से मिलवाऊँगा!