कल मुझे इक खबर ने दुखी कर दिया!
मेरे दोस्त का तलाक हो गया!
आम बात(खबर) है ये आज कल,
पर मेरे दुखी होने की वजह थी,
दोनों ’तलाक शुदा’ व्यक्ति मेरे दोस्त रहे थे!
एक (उनकी) शादी से पहले और एक शादी के बाद!
हांलाकि मैं तलाक की वजह नहीं था!
पर अफ़सोस कि बात ये के
काश उन दोनों मे से ,
कोई एक तो ऐसा होता,
जो मोहब्बत की कद्र कभी तो समझता!
आज कल मुहब्बत समझने वाले कहाँ है ..........दिल पत्थर के होते जा रहे हैं .... संवेदनाएँ मर रही हैं ...
ReplyDeletebadi achchi baat kahi...
ReplyDelete... सुन्दर रचना !!!
ReplyDeleteमंगलवार 25/06/2013 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं ....
ReplyDeleteआपके सुझावों का स्वागत है ....
धन्यवाद !!
विभा जी! मेरे मामूली से शब्दों को आपके ब्लोग पर सम्मान देने का शुक्रिया। ’सच में ’ के प्रति प्रेम बनायें रखें! आभार!
Deleteदोनों ’तलाक शुदा’ व्यक्ति मेरे दोस्त रहे थे!
ReplyDeleteएक (उनकी) शादी से पहले और एक शादी के बाद!
मुहब्बत शादी और तलाक आज इंस्टेंट काफी कि तरह हो गएँ हैं.इन पर गम न करो तो ही अच्छा है.
शुक्रिया! डाक्टर महेन्द्र जी,
ReplyDeleteपर मेरे दुखी होने की वजह थी,
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कोई एक तो ऐसा होता,
जो मोहब्बत की कद्र कभी तो समझता!