अंखडियां!
अनकही, कही,सुनी,अनकही,भीगी अंखडियां!
सावन!
बैरी सावन!
भीगा घर आंगन,
तरसे मन!
खेल!कराकोरम- कराची रेल
अनकही, कही,
सुनी,अनकही,
भीगी अंखडियां!
सावन!
बैरी सावन!
भीगा घर आंगन,
तरसे मन!
सावन!
बैरी सावन!
भीगा घर आंगन,
तरसे मन!
खेल!
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