दिल की हर बात अब यहाँ होगी,
सच और सच बात बस यहाँ होगी
ये सब हैं चाहने वाले!और आप?
Monday, March 16, 2009
सफ़र का सच!
इन सब आफ़सानों में,शामिल कुछ ख्याब हमारे होते,
हम अगर टूट ना जाते तो शायद सितारे होते।
तमाम कोशिशें मनाने की बेकार गयीं,
वो अगर रुठ ना जाते तो हमारे होते।
तूंफ़ां खुद मुसाफ़िर था कश्ती में मेरी,
मुश्किलें पतवार थीं,वरना हम भी किनारे होतें।
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Please feel free to express your true feelings about the 'Post' you just read. "Anonymous" Pl Excuse Me! बेहिचक अपने विचारों को शब्द दें! आप की आलोचना ही मेरी रचना को निखार देगी!आपका comment न करना एक मायूसी सी देता है,लगता है रचना मै कुछ भी पढने योग्य नहीं है.So please do comment,it just takes few moments but my effort is blessed.
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बेहिचक अपने विचारों को शब्द दें! आप की आलोचना ही मेरी रचना को निखार देगी!आपका comment न करना एक मायूसी सी देता है,लगता है रचना मै कुछ भी पढने योग्य नहीं है.So please do comment,it just takes few moments but my effort is blessed.