ये सब हैं चाहने वाले!और आप?

Monday, July 5, 2010

गुलों से बात!


अज़ीब शक्स है वो गुलो से बात करता है,
अपनी ज़ुरूफ़ से भरे दिन को रात करता है.

वो जो कहता है भोली प्यार की बातें,
खामोश हो के खुदा भी समात करता है,

मां बन के कभी उसके प्यार का जादू
एक जर्रे: को भी  काइनात करता है,

मेरे प्यार को वो भला कैसे जानेगा?
जब देखो मूंह बनाके बात करता है! 

5 comments:

  1. इस प्रयास को ब्लौग "कविता" पर मिली सराहनायें:-

    अजय कुमार said...
    मां बन के कभी उसके प्यार का जादू
    एक जर्रे: को काइनात करता है,

    अनमोल पंक्तियां ।

    July 3, 2010 11:08 AM


    Jandunia said...
    खूबसूरत प्रयास

    July 3, 2010 11:24 AM


    Etips-Blog Team said...
    सुंदर रचना ।



    ->सुप्रसिद्ध साहित्यकार और ब्लागर गिरीश पंकज जी का साक्षात्कार पढने के लिऐ यहाँ क्लिक करेँ

    July 3, 2010 1:44 PM


    Udan Tashtari said...
    बढिया!

    July 3, 2010 7:04 PM


    ktheLeo said...
    Jandunia said...
    खूबसूरत प्रयास

    July 3, 2010 11:23 AM

    सुमन कुमार said...
    इन शानदार रचनाओं को पढवाने का शुक्रिया।

    July 3, 2010 9:56 PM


    संगीता स्वरुप ( गीत ) said...
    खूबसूरत गज़ल.

    July 4, 2010 12:27 AM


    shama said...
    वो जो कहता है भोली प्यार की बातें,
    खामोश हो के खुदा भी समात करता

    Bahut hee khoobsoorat khayal hai..!

    July 4, 2010 6:50 AM


    दिगम्बर नासवा said...
    मां बन के कभी उसके प्यार का जादू
    एक जर्रे: को काइनात करता है,

    सुभान अल्ला .. कितनी प्यारी ग़ज़ल है ...
    सच में माँ के प्यार में वो शक्ति होती ही जो जर्रे को कायनत कर सके ...

    July 4, 2010 12:02 PM


    दिगम्बर नासवा said...
    मां बन के कभी उसके प्यार का जादू
    एक जर्रे: को काइनात करता है,

    सुभान अल्ला .. कितनी प्यारी ग़ज़ल है ...
    सच में माँ के प्यार में वो शक्ति होती ही जो जर्रे को कायनत कर सके ...

    July 4, 2010 12:02 PM


    शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...
    अच्छे शेर हुए हैं...
    अज़ीब शख्स है वो गुलो से बात करता है,
    अपनी ज़ुरूफ़ से भरे दिन को रात करता है.
    मतला शानदार.
    मां बन के कभी उसके प्यार का जादू
    एक जर्रे को काइनात करता है.
    हासिल-ग़ज़ल शेर.

    July 4, 2010 8:38 PM

    ReplyDelete
  2. मां बन के कभी उसके प्यार का जादू
    एक जर्रे: को काइनात करता है,
    dil ke dwaar kholte ehsaas

    ReplyDelete
  3. मेरे प्यार को वो भला कैसे जानेगा?
    जब देखो मूंह बनाके बात करता है!

    वाह ! क्या बात कही..
    बिलकुल सच्च ....
    जिसे हर बात पर मूंह फुलाने की आदत हो...वो क्या जाने प्यार किस चिड़िया का नाम है ।

    ReplyDelete
  4. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete

Please feel free to express your true feelings about the 'Post' you just read. "Anonymous" Pl Excuse Me!
बेहिचक अपने विचारों को शब्द दें! आप की आलोचना ही मेरी रचना को निखार देगी!आपका comment न करना एक मायूसी सी देता है,लगता है रचना मै कुछ भी पढने योग्य नहीं है.So please do comment,it just takes few moments but my effort is blessed.