इन्सान से हैवानियत की बात पूछी जायेगी!
कर चुके हम हर तरह से अपने टुकडे,
मुर्दों से अब उनकी औकात पूछी जायेगी?
दे सके न भूख से मरतों को दाना,
क्या मिलें आज़ादी की सौगात पूछी जायेगी?
गंदगी, आलूदगी फ़ैली है घरों में,
कैसे बदलेगी काइनात पूछी जायेगी?
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आलूदगी: Contamination
मर्दशुमारी: जनगणना
दे सके न भूख से मरतों को दाना,
ReplyDeleteक्या मिलें आज़ादी की सौगात पूछी जायेगी?
sach kaha hai aapne
सुन्दर प्रस्तुती!
कर चुके हम हर तरह से अपने टुकडे,
ReplyDeleteमुर्दों से अब उनकी औकात पूछी जायेगी?
sabhi sher apne aap mein mukammil aur arth liye hue hain...
aapki kalam ki dhaar paini lagi hai..
bahut sundar prastuti..
beautiful, sir.
ReplyDeleteगंदगी, आलूदगी फ़ैली है घरों में,
ReplyDeleteकैसे बदलेगी काइनात पूछी जायेगी?
वाह बहुत खूब लिखा है आपने! सच्चाई को आपने बखूबी शब्दों में पिरोया है! इस उम्दा पोस्ट के लिए बधाई!
कर चुके हम हर तरह से अपने टुकडे,
ReplyDeleteमुर्दों से अब उनकी औकात पूछी जायेगी?
बेहतरीन....लाजवाब शेर कहें हैं आपने...वाह...दाद कबूल करें...
नीरज
आप सबका शुक्रिया!तारीफ़ भरे शब्द कहने के लिये!
ReplyDeleteek saarthak rachna....
ReplyDeleteMeri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....
A Silent Silence : Zindgi Se Mat Jhagad..
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jngnna ke tor triqon pr aapki jo vaajib naaraazgi he ue aapne jis dhng se prstut kiyaa he qaabile taarif hindi men prhnsniy he . akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteकर चुके हम हर तरह से अपने टुकडे,
ReplyDeleteमुर्दों से अब उनकी औकात पूछी जायेगी?
काश ये सब भी पूछते वो मर्दंशुमारी में .... कम से कम सही हालात तो जान पाते ...