चलो आज यूं ही कुछ कहने दो,
ज़िन्दगी बह रही है बहने दो।
पल खुशी के बहुत ही थोडे हैं,
गम के अफ़साने आज रहने दो।
फ़ूल तो फ़ूल हैं सूख जायेंगे,
सूखे पत्ते तो कब्र पे रहने दो।
बात दुनिया की रोज़ करते हैं,
आज तो दिल की बात कहने दो।
गैर की मेहरबानियाँ कमाल की हैं,
आज अपनों के दर्द सहने दो।
मैं अब खुद से मिल के डरता हूँ,
आईना आज मेरे आगे रहने दो।
सच कहुंगा तो वो बुरा मानेगें,
झूंठी और मीठी बात कहने दो।