ये सब हैं चाहने वाले!और आप?

Showing posts with label खुशी.. Show all posts
Showing posts with label खुशी.. Show all posts

Saturday, February 12, 2011

डरे हुये तुम!




तुम मुझे प्यार करना बन्द मत करना,

इस लिये नहीं कि,
मैं जी नही पाऊँगा,
तुम्हारे प्यार के बिना,

हकीकत ये है, कि
मैं मर नहीं पाऊँगा सुकून से,

क्यो कि,

जिस को कोई प्यार न करता हो,


उसका मरना भी कोई मरना है!

और वैसे भी,

सूनी और वीरान कब्रें,
बहुत ही डरावनी लगती है!

और कौन है? जो फ़ूल रखेगा,
मेरी कब्र पर,तुम्हारे सिवा!

सच में, मैं ये जानता हूँ,

तुम्हें कितना डर लगता है,
वो ’हौरर शो’ देखते हुये!

और डरे हुये तुम 

मुझे बिल्कुल अच्छे नहीं लगते।


Tuesday, January 25, 2011

बात अफ़साने सी!




चलो आज यूं ही कुछ कहने दो,
ज़िन्दगी बह रही है बहने दो।

पल खुशी के बहुत ही थोडे हैं,
गम के अफ़साने आज रहने दो।

फ़ूल तो फ़ूल हैं सूख जायेंगे,
सूखे पत्ते तो कब्र पे रहने दो।

बात दुनिया की रोज़ करते हैं,
आज तो दिल की बात कहने दो।

गैर की मेहरबानियाँ कमाल की हैं,
आज अपनों के दर्द सहने दो।

मैं अब खुद से मिल के डरता हूँ,
आईना आज मेरे आगे रहने दो।


सच कहुंगा तो वो बुरा मानेगें,
झूंठी और मीठी बात कहने दो।




Thursday, January 6, 2011

तमन्ना

ज़ख्म मेरा गुलाब हो जाये,
अँधेरा माहताब हो जाये,
कैसी कैसी तमन्नायें हैं मेरी,
ये जहाँ बस्ती-ए-ख्वाब हो जाये।

तू कभी मुझको आके ऎसे मिल,
मेरा पानी शराब हो जाये,
मेरी नज़रो में हो वो तासीर,
तेरे रुख पे हिज़ाब हो जाये।

जो भी इन्सान दर्द से मूहँ मोडे,
उसका खाना खराब हो जाये।
रोज़-ए-महशर का इन्तेज़ार कौन करे,
अब तो ज़ालिमों का हिसाब हो जाये!

Tuesday, January 4, 2011

गुफ़्तगू बे वजह! दूसरा बयान!

मोहब्बतों की कीमतें चुकाते,
मैने देखे है,
तमाम जिस्म और मन,
अब नही जाता मैं कभी
अरमानो की कब्रगाह की तरफ़।

दर्द बह सकता नहीं,
दरिया की तरह,
जाके जम जाता है,
लहू की मांनिद,
थोडी देर में!

अश्क से गर कोई
बना पाता नमक,
ज़िन्दगी खुशहाल,
कब की हो गई होती।

रिश्तो के खिलौने,
सिर्फ़ बहला सकते है,
दुखी मन को,
ज़िन्दगी गुजारने को,
पैसे चाहिये!!!!!!