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Saturday, February 12, 2011

डरे हुये तुम!




तुम मुझे प्यार करना बन्द मत करना,

इस लिये नहीं कि,
मैं जी नही पाऊँगा,
तुम्हारे प्यार के बिना,

हकीकत ये है, कि
मैं मर नहीं पाऊँगा सुकून से,

क्यो कि,

जिस को कोई प्यार न करता हो,


उसका मरना भी कोई मरना है!

और वैसे भी,

सूनी और वीरान कब्रें,
बहुत ही डरावनी लगती है!

और कौन है? जो फ़ूल रखेगा,
मेरी कब्र पर,तुम्हारे सिवा!

सच में, मैं ये जानता हूँ,

तुम्हें कितना डर लगता है,
वो ’हौरर शो’ देखते हुये!

और डरे हुये तुम 

मुझे बिल्कुल अच्छे नहीं लगते।