तुम मुझे प्यार करना बन्द मत करना,
इस लिये नहीं कि,
मैं जी नही पाऊँगा,
तुम्हारे प्यार के बिना,
हकीकत ये है, कि
मैं मर नहीं पाऊँगा सुकून से,
क्यो कि,
जिस को कोई प्यार न करता हो,
उसका मरना भी कोई मरना है!
और वैसे भी,
सूनी और वीरान कब्रें,
बहुत ही डरावनी लगती है!
और कौन है? जो फ़ूल रखेगा,
मेरी कब्र पर,तुम्हारे सिवा!
सच में, मैं ये जानता हूँ,
तुम्हें कितना डर लगता है,
वो ’हौरर शो’ देखते हुये!
और डरे हुये तुम
मुझे बिल्कुल अच्छे नहीं लगते।
जिस को कोई प्यार न करता हो,
ReplyDeleteउसका मरना भी कोई मरना है!
... waah, kitni gudh baat kahi hai
Beautiful.
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shilpa
जिस को कोई प्यार न करता हो,
ReplyDeleteउसका मरना भी कोई मरना है!
बहु्त बड़ा प्रश्न है............ उत्तर??????
एक निवेदन-
मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष, जो मार्ग की शोभा बढ़ाता है, पथिकों को गर्मी से राहत देता है तथा सभी प्राणियों के लिये प्राणवायु का संचार करता है। वर्तमान में हमारे समक्ष अस्तित्व का संकट उपस्थित है। हमारी अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा अनेक लुप्त होने के कगार पर हैं। दैनंदिन हमारी संख्या घटती जा रही है। हम मानवता के अभिन्न मित्र हैं। मात्र मानव ही नहीं अपितु समस्त पर्यावरण प्रत्यक्षतः अथवा परोक्षतः मुझसे सम्बद्ध है। चूंकि आप मानव हैं, इस धरा पर अवस्थित सबसे बुद्धिमान् प्राणी हैं, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी रक्षा के लिये, हमारी प्रजातियों के संवर्द्धन, पुष्पन, पल्लवन एवं संरक्षण के लिये एक कदम बढ़ायें। वृक्षारोपण करें। प्रत्येक मांगलिक अवसर यथा जन्मदिन, विवाह, सन्तानप्राप्ति आदि पर एक वृक्ष अवश्य रोपें तथा उसकी देखभाल करें। एक-एक पग से मार्ग बनता है, एक-एक वृक्ष से वन, एक-एक बिन्दु से सागर, अतः आपका एक कदम हमारे संरक्षण के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।
Sunder prastuti
ReplyDeleteएक एक पंक्ति तारीफ़ के काबिल।
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