जहाँ से दर्द की मिक़दार क़म हो, ये करना होगा.
मसीहा कौन है ,और कौन यहाँ रह्बर है,
हर इंसान को इस राह पे, अकेले ही चलना होगा.
तेज़ हवाएँ भी हैं सर्द ,और अंधेरा भी घना,
शमा चाहे के नही उसे हर हाल में जलना होगा.
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मिक़दार:Quantity
रह्बर: Companion
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मौला, ना कर मेरी हर मुराद तू पूरी,
ReplyDeleteजहाँ से दर्द की मिक़दार क़म हो, ये करना होगा.
sirf yahi keh sakte hail. AMEEN!!!
शम्मा चाहे के नही उसे हर हाल में जलना होगा.
ReplyDeleteHuzoor kya bat kahi hai,
jai ho jag mein jale jahan bhi
naman us punit anal ko