दर्द की चट्टान से रिसती,
पानी की धार
ज़िन्दगी,
जून की दोपहर में,
चढता बुखार
ज़िन्दगी,
जागी आँखों में,
नींद का खुमार
ज़िन्दगी,
खुशी और ग़म की,
पानी की धार
ज़िन्दगी,
जून की दोपहर में,
चढता बुखार
ज़िन्दगी,
जागी आँखों में,
नींद का खुमार
ज़िन्दगी,
खुशी और ग़म की,
लटकती तलवार,
ज़िन्दगी,
भरी आँखों के,
भरी आँखों के,
सावन में मल्हार,
ज़िन्दगी,
एक नये साज़ के,
टूटे से तार,
ज़िन्दगी,
सूखी फ़सल के बाद,
लाला का उधार,
ज़िन्दगी,
भूखे पेट,चोटिल जिस्म को,
माँ का दुलार ,
ज़िन्दगी,
एक नये साज़ के,
टूटे से तार,
ज़िन्दगी,
सूखी फ़सल के बाद,
लाला का उधार,
ज़िन्दगी,
भूखे पेट,चोटिल जिस्म को,
माँ का दुलार ,
ज़िन्दगी,
बनावट के दौर में,
होना आँखों का चार,
ज़िन्दगी,
एक ख़फ़ा दोस्त की,
अचानक पुकार,
ज़िन्दगी,
बनावट के दौर में,
होना आँखों का चार,
ज़िन्दगी,
एक ख़फ़ा दोस्त की,
अचानक पुकार,
ज़िन्दगी,