दर्द को मैं ,अब दवा देने चला हूं,
खुद को ही मैं बद्दुआ देने चला हूं!
बेवफ़ा को फ़ूल चुभने से लगे थे,
ताज कांटो का उसे देने चला हूं!
मर गया हूं ये यकीं तुमको नहीं है,
खुदकी मय्यत को कांधा देने चला हूं!
खुली जगह जैसे लान या टेरस आदि में रखें |
Select a Pot which is wide enough for the birds . |